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world history---renaissance in hindi

यूरोप में मध्यकाल में आए सांस्कृतिक आंदोलन को पुनर्जागरण कहते हैं. यह आंदोलन इटली से आरंभ होकर पूरे यूरोप में फैल गया. इस आन्दोलन का समय चौदहवीं शताब्दी से लेकर सत्रहवीं शताब्दी तक माना जाता है. पुनर्जागरण का अर्थ पुनर्जन्म होता है. मुख्यत: यह यूनान और रोम के प्राचीन शास्त्रीय ज्ञान की पुन:प्रतिष्ठा का भाव प्रकट करता है.
यूरोप में मध्ययुग की समाप्ति और आधुनिक युग का प्रारंभ इसी समय से माना जाता है. इटालवी पुनर्जागरण में साहित्य की विषयवस्तु की अपेक्षा उसके रूप पर अधिक ध्यान दिया जाता था. जर्मनी में इसका अर्थ श्रम और आत्मसंयम था, इतालवियों के लिए आराम और आमोद-प्रमोद ही मानवीय आदर्श था. पुनर्जागरण के दौरान ज्योतिष शास्त्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए और गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा, जीवविज्ञान और सामाजिक विज्ञानों में बहुमूल्य योगदान हुए. रॉजर बेकन ने अपनी कृति "सालामन्ज हाउस" में पुनर्जागरण की आदर्शवादी भावना को अभिव्यक्ति प्रदान की है. पुनर्जागरण से जुड़े तथ्‍य इस प्रकार हैं:

(1) धर्म-सुधार आंदोलन का प्रवर्तक 

(2) पुनर्जागरण की शुरुआत इटली के फ्लोरेंस नगर में हुई थी. 

(3) पुनर्जागरण का अग्रदूत इटली के महान कवि दांते (1260-1321 ई.) थे. 

(4) दांते का जन्म इटली के फ्लोरेंस नगर में हुआ था. 

(5) दांते ने प्राचीन लैटिन भाषा छोड़कर तत्कालीन इटली की बोलचाल की भाषा टस्कन में टिवाइन कॉमेडी नामक काव्य लिखा. इसमें दांते ने स्वर्ग और नरक की एक काल्पनिक यात्रा का वर्णन किया है. 

(6) दांते के बाद पुनर्जागरण को आगे ले जाने वाला दूसरा व्यक्ति पेट्रॉक (1304-1367) था. 

(7) मानववाद का संस्थापक पेट्रॉक को माना जाता है. पेट्रॉक इटली का रहने वाला था. 

(8) इतालियन गद्य का जनक कहानीकार बोकेशियो (1313-1375 ई.) को माना जाता है. 

(9) बोकेशियो की प्रसिद्ध पुस्ताक डेकामेरॉन है. 

(10) आधुनिक विश्व का पहला राजनीतिक चिंतक फ्लोरेंस निवासी मैकियावेली (1469-1567 ई.) थे. 

(11) मैकियावेली की द प्रिंस किताब राज्य की एक नई तस्वीर दिखाती है. 

(12) पुनर्जागरण की भावना की पूर्ण अभिव्यक्ति इटली के तीन कलाकारों लियोनार्दो द विंची, माइकल एंजलो और राफेल की कृतियों में मिलती है. 

(13) लियोनार्दो द विंची एक बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति था. वह चित्रकार, मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक, कवि और गायक था. 

(14) द लास्टं सपर और मोनालिसा नामक अमर चित्रों को बनाने वाले लियोनार्दो द विंची थे. 

(15) द लास्ट जजमेंट और द फॉल ऑफ मैन माइकल एंजलो की कृतियां हैं. 

(16) सिस्तान के गिरजाघर की छत पर माइकल एंजलो ने चित्र बनाए थे. 

(17) राफेल भी इटली का एक चित्रकार था. जीजस क्राइस्ट की मां मेडोना का चित्र राफेल की कृति है. 

(18) पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक जियाटो को माना गया है. 

(19) पुनर्जागरण काल के सर्वश्रेष्ठ निबंधकार फ्रांसिस बेकन थे. 

(20) पुनर्जागरण काल के सर्वश्रेष्ठ निबंधकार फ्रांसिस बेकन इंगलैंड के रहने वाले थे. 

(21) द प्रेज ऑफ फौली पुस्तक में पादरियों के अनैमिक जीवन और इसाई धर्म की कुरीतियों पर व्यंग्य किया गया है.

(22)
 इरासमस ने द प्रेज ऑफ फौली लिखी. 

(23) द प्रेज ऑफ फौली लिखने वाले इरासमस हॉलैंड के रहने वाले थे. 

(24) अपनी पुस्तक यूटोपिया के माध्यम टॉमस मूर ने आदर्श समाज का चित्र प्रस्तुत किया था. 

(25) टॉमस मूर इंगलैंड के रहने वाले थे. 

(26) मार्टिन लूथर ने जर्मन भाषा में बाइबल का अनुवाद प्रस्तुत किया है. 

(27) रोमियो एंड जूलिएट शेक्सपीयर की अमर कृति है. 

(28) शेक्सोपीयर इंगलैंड के रहने वाले थे. 

(29) इंग्लैड के रोजर बेकर को आधुनिक प्रयोगात्मक विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है. 

(30) पृथ्वी सौरमंडल का केन्द्र है इसका खंडन सर्वप्रथम पोलैंड निवासी कोपरनिकस ने किया. 

(31) गैलीलिओ (1560-1642 ई.) ने भी कोपरनिकस के सिद्धांत का समर्थन किया. 

(32) जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक केपला या केपलर (1571-1630 ई.) ने गणित की सहायता से यह बतलाया कि ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार घूमते हैं. 

(33) न्यूटन (1642-1726 ई.) ने गुरुत्वाकर्षण के नियम का पता लगाया. 

(34) धर्म-सुधार आन्दोलन की शुरुआत 16वीं सदी में हुई. 

(35) धर्म-सुधार आन्दोलन का प्रवर्तक मार्टिन लूथर था. जो जर्मनी का रहनेवाला था. इसने बाइबल का अनुवाद जर्मन भाषा में किया. 

(36) धर्म-सुधार आन्दोलन की शुरुआत इंगलैड में हुई. 

(37) जॉन विकलिफ को धर्म-सुधार आन्दोलन का प्रात: कालिन तारा कहा जाता है. इसके अनुयायी लोलार्डस कहलाते थे. 

(38) अमरीका की खोज क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की थी. 

(39) अमेरिगो बेस्पुसी (इटली) के नाम पर अमेरिका का नाम अमेरिका पड़ा. 

(40) प्रशांत महासागर का नामकरण स्पेन निवासी मैगलन ने किया. 

(41) समुद्र मार्ग से सम्पूर्ण विश्व का चक्कर लगानेवाला प्रथम व्यक्ति मैगलन था. 

(42) पुनर्जागरण के दौरान डच और जर्मन कलाकारों में हाल्वेन और एल्बर्ट ड्यूरर उल्लेखनीय हैं. उन्होंने शास्त्रीय साहित्य की अपेक्षा अपने आसपास दैनिक जीवन में अधिक रुचि प्रदर्शित की. जिससे वैज्ञानिक उपलब्धियों के क्षेत्र में जर्मनी इटली से भी आगे निकल गया.