किसी भी देश में कौशल विकास कार्यक्रम के लिए मुख्य रूप से युवाओं पर ही जोर होता है। क्योंकि युवा वर्ग सर्वाधिक उत्पादक वर्ग है। भारत जनसंख्या लाभांश की स्थिति में है। भारत की कुल जनसंख्या में 62.5 प्रतिशत 15 से 59 वर्ष के आयु समूह की है (जनगणना-2011)। हमारी अर्थव्यवस्था को इसका लाभ तभी मिल सकता है, जब देश की जनसंख्या विशेषकर युवा वर्ग शिक्षित और कुशल हो।
20 मार्च, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर की गई ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख योजना है। इसका लक्ष्य अगले एक वर्ष में 24 लाख युवाओं को कुशल बनाना है। इस योजना के अंतर्गत पाठ्यक्रमों में सुधार, बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षित शिक्षकों पर विशेष जोर दिया गया है।
कौशल विकास के लक्ष्य निर्धारित करते समय हाल ही में लागू किए गए प्रमुख कार्यक्रमों जैसे-मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन और स्वच्छ भारत अभियान की मांगों को भी ध्यान में रखा गया।
विगत 15 वर्षों में भारत में दूरसंचार उद्योग तीव्र गति से विकसित हो रहा है। सितंबर, 2015 में भारत विश्व का द्वितीय सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार था। भारत में कुल मोबाइल सेवाओं का बाजार राजस्व वर्ष 2017 में 37 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
इन्हीं तथ्यों के दृष्टिगत 22 जनवरी, 2016 को केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग के साथ दूरसंचार क्षेत्र में कौशल विकास के लिए एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- 22 जनवरी, 2016 को ‘केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय’ (MSDE) ने दूरसंचार विभाग के साथ एक समझौता-ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
- इस समझौता-ज्ञापन के माध्यम से दूरसंचार क्षेत्र में कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य-योजना को विकसित और लागू किया जाएगा।
- साथ ही दूरसंचार विभाग (DoT) के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) का उपयोग इस क्षेत्र की कुशल श्रमशक्ति के साथ ही साथ गुणवत्तापूर्ण रोजगार और उपक्रम प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
- एमएसडीई एवं डॉट ने दूरसंचार कौशल विकास के राष्ट्रीय पारितंत्र (तंत्र) के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के लिए वित्तीय समर्थन हासिल करने के लिए संयुक्त प्रयास पर सहमति व्यक्त की।
- वे डॉट के तहत आने वाले पीएसयू के सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) कोष का 20 प्रतिशत इस उद्देश्य में लगाने का सुझाव देंगे।
- दोनों मंत्रालय कौशल विकास के लिए पुराने अप्रयुक्त एक्सचेंजों का इस्तेमाल कर पाएंगे तथा आवश्यकतानुसार उनका उन्नयन कर सकेंगे।
- इसी तरह ‘नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च इनोवेशन एंड ट्रेनिंग’ (NTIPRT) का विकास दोनों मंत्रालय दूरसंचार के क्षेत्र में प्रशिक्षण व उन्नयन के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे का प्रयोग करेंगे।
- इसका प्रयोग मूल्यांकनकर्ता और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देकर किया जाएगा।
- इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ (PMKVY) रुपे एटीएम कम (सह) डेबिट कार्ड जारी किया गया।
- यह एटीएम कम डेबिट कार्ड भारत के 19 राष्ट्रीयकृत बैंकों में से एक ‘बैंक ऑफ इंडिया’ द्वारा जारी किया गया।
- दोनों मंत्रियों (रविशंकर प्रसाद एवं राजीव प्रताप रुड़ी) ने कौशल वाहनों (Skill Vans) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- स्किल गैप स्टडी (कौशल अंतराल अध्ययन) के अनुसार, वर्ष 2013-17 के बीच भारत में दूरसंचार के क्षेत्र में 15 प्रतिशत की भारी वृद्धि होने का अनुमान है।
- वर्ष 2013 की 2.08 मिलियन की श्रमशक्ति वर्ष 2022 तक बढ़कर 4.16 मिलियन होने का अनुमान है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार उद्योग में हर स्तर पर नए रोजगार सृजित होंगे।
- वित्तीय वर्ष 2013 में भारत के दूरसंचार क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3 प्रतिशत का योगदान था।