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गंगा सफाई समझौता

13 मई, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्वच्छ करने हेतु ‘नमामि गंगे’ योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना के तहत आगामी पांच वर्षों में 20 हजार करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। साथ ही गंगा स्वच्छता मिशन में राज्यों और जमीनी स्तर के संस्थान जैसे शहरी स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज्य संस्थानों को शामिल किया जाना है।
इसी क्रम में 30 जनवरी, 2016 को नई दिल्ली में एकदिवसीय ‘स्वच्छ गंगा एवं ग्रामीण सहभागिता सम्मेलन’ का आयोजन किया गया जिसमें 1600 ग्राम प्रधानों एवं सरपंचों ने शिरकत की। इस सम्मेलन में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा सात अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के साथ समझौता किया गया।

  • गंगा को निर्मल करने की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘नमामि गंगे’ को आगे बढ़ाने हेतु 30 जनवरी, 2016 को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और सात अन्य मंत्रालयों के मध्य समझौता-ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया।
  • ये सात अन्य केंद्रीय मंत्रालय हैं-मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा एवं खेल मंत्रालय और पोत परिवहन मंत्रालय।
  • समझौता-ज्ञापन के तहत गंगा नदी को अविरल एवं निर्मल बनाने हेतु सात मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है और साथ ही 21 कार्य बिंदु तय किए गए हैं।
  • इसका उद्देश्य आगामी तीन वर्षों के दौरान गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण फैलाने वाले तत्त्वों का प्रभावी नियंत्रण करना और आपसी सहयोग से स्वच्छता पहल को गति देना है।
  • समझौते के तहत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा किए जाने वाले कार्य हैं-
  • सभी मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के मध्य समन्वय हेतु नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
  • शोधित जल के उपयोग हेतु बाजार का विकास करना।
  • उल्लेखनीय है कि जल संसाधन मंत्रालय और रेल मंत्रालय के मध्य हुए समझौते के अनुसार, दोनों मंत्रालयों द्वारा गंगा-यमुना नदी क्षेत्र पर स्थित जल शोधन संयंत्रों से शोधित जल की आपूर्ति एवं उपयोग हेतु सहमति व्यक्त की गई है।
  • समझौते के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किए जाने वाले कार्यों में शामिल हैं-
  • उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गंगा नदी के तट पर साक्षर भारत कार्यक्रम का आयोजन।
  • गंगा नदी बेसिन प्रबंधन योजना पर प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करना।
  • आईआईटी और एनआईटी को उन्नत भारत अभियान के तहत न्यूनतम पांच गांव गोद लेने हेतु प्रेरित करना।
  • गंगा नदी में औद्योगिक एवं रासायनिक प्रदूषण रोकने संबंधी पायलट परियोजना तैयार करने हेतु आईआईटी को सुविधा प्रदान करना।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा एवं अन्य परियोजनाओं को इस कार्य-योजना से संबद्ध किया जाएगा
  • साथ ही मंत्रालय द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण विकास मिशन के तहत गंगा नदी के तट पर स्थित गांवों में कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर खुले में शौच से मुक्त व्यवस्था एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • पर्यटन मंत्रालय द्वारा पारिस्थितिकी अनुरूप पहल एवं इकोटूरिज्म को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • आयुष मंत्रालय द्वारा गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाले पौधों के संरक्षण का कार्य किया जाएगा।
  • पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा गंगा नदी में पारिस्थितिकी को क्षति पहुंचाए बिना टिकाऊ नदी परिवहन आधारभूत संरचना निर्मित की जाएगी।
  • युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा गंगा की सफाई, वनीकरण और नदी तट पर अवैध गतिविधियों की निगरानी हेतु युवाओं का समूह तैयार करने के लिए खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा।